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नाम

naam

यशवंत कुमार

और अधिकयशवंत कुमार

    (एक)

    माँ मेरा नाम

    एक फूल के नाम पर रखना चाहती थीं

    जबकि पिता

    किसी ईश्वर के नाम पर मेरा नाम चाहते थे

    बाद में पिता ने अपनी ज़िद नहीं छोड़ी

    और उन्हें मौक़ा दिया गया

    विकल्प इतने ज़्यादा थे कि

    वे दुविधा में पड़ गए

    ईश्वर भी कुछ कम नहीं थे

    तिस पर एक-एक ईश्वर के सैकड़ों नाम

    अंत में उन्होंने घबराकर अपनी ज़िद छोड़ दी

    फिर माँ ने मेरा नाम

    एक फूल के नाम पर रखा।

    (दो)

    पहले वे

    जिनके नाम फूलों के नाम पर थे

    फिर वे जिनके नाम

    सूरज, पहाड़, झरना और नदी के नाम पर थे

    कुछ के नाम चंद्रमा उसकी सोलह कलाओं

    और तो और

    तारों के नाम पर भी थे

    नाम इतने प्राकृतिक थे कि

    जब हमने पहली बार छठवीं कक्षा में

    'नर्मदा बचाओ' और 'चिपको'

    के बारे में पढ़ा

    तो हमें पहले-पहल यक़ीन नहीं हुआ

    (तीन)

    मेरे पड़ोस के

    एक दंपति में पत्नी का नाम सरोज था

    और पति का नाम अरविंद

    थे दोनों के नाम किसी फूल के ही समानार्थी

    नामकरण में

    कोई लैंगिक विभेद नहीं था

    ही कोई पितृसत्तात्मकता

    सोचता हूँ जो समानता नामों में थी

    वह जीवन में क्यों नहीं थी?

    (चार)

    गाँव के कुछ लोग जिन्हें

    जबरन दक्षिण में बसाया गया था

    के नाम

    गोबर, धुन्ना और बोदू थे

    अमूमन सबके नाम ऐसे ही थे

    उन्हे किसी भी ईश्वर, फूल और नदी

    के नाम पर अपने बच्चों के नाम

    नहीं रखने दिया गया था

    स्रोत :
    • रचनाकार : यशवंत कुमार
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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