उसने नहीं लगाई फाँसी
वह क़र्ज़ में नहीं डूबा
उसके खेत सूखे रह गए
आसमान तकते-तकते
उसके हिस्से नहीं आएगा
कोई मुआवज़ा
वह नहीं मरा
रेल-दुर्घटना में
वह कभी मंदिर नहीं गया
सो नहीं मरा
भीड़ में
उसे नहीं मिलेगा कोई मुआवज़ा
उसका नाम
नहीं है किसी सरकारी खाते में
वह किसी रेखा के ऊपर या नीचे नहीं है
नहीं मिलेगा उसे
दाल, चावल, चीनी, किरोसिन
रियायत दर पर
परिधि से बाहर हैं
जो लोग
उन्हें नहीं मिलेगा
कोई मुआवज़ा!
- पुस्तक : झारखंड एक्सप्रेस (पृष्ठ 84)
- रचनाकार : अरुण चंद्र राय
- प्रकाशन : ज्योतिपर्व प्रकाशन
- संस्करण : 2021
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