ऑलिविये जीरूड

auliwiye jiruD

राही डूमरचीर

राही डूमरचीर

ऑलिविये जीरूड

राही डूमरचीर

और अधिकराही डूमरचीर

     

    क्या फ़्रांस की टीम से जीरूड
    अगला फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप खेल पाएगा?
    सत्रह साल के कमिंगवा को
    उसके साथ खेलता देखते हुए
    मुसलसल यह सवाल परेशान करता रहा

    अपने पहाड़ी गाँव में बैठा
    जियो की मदद से
    मैं फ़्रांस की उस ‘राष्ट्रीय चिंता’ में मगन हूँ
    जिसे फ़्रांसीसी बिल्कुल तवज्जोह नहीं दे रहे
    वे तो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को
    एक देशी पूँजीपति के हाथों मज़बूत करने में जुटे हैं

    मैं रॉफ़ेल के बारे में नहीं सोच पाता
    उसकी क़ीमत के बारे में झगड़ते नेताओं के बयान
    अख़बारों में पढ़ता रहता हूँ
    इतना जानता हूँ कि वह बहुत सारे लोगों को
    नेस्तनाबूत कर सकता है
    इसी से उसकी क़ीमत मेरे याद कर पाने की सीमा
    अतिक्रमित कर जाती है
    क़ीमतों की जगह तोपों की ज़रूरत पर सोचता हूँ
    और ऑफ़ साइड देने वाले रेफ़री पर खीझता रहता हूँ

    फ़िलहाल यही बड़ी चिंता है
    कि क्या अगला फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप होगा?
    हुआ तो ख़ाली स्टेडियम में तो नहीं होगा?
    मैं तब अपनी मुफ़लिसी को धता बता
    ग्रीज़मैन के हेयर स्टाइल पर खीझ तो पाऊँगा?
    ऐसा नहीं कर पाया तो कहीं अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ कुछ कह तो नहीं बैठूँगा?
    उम्मीद है कि बलवती है
    कहती है—
    ऑलिविये जीरूड अगला फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप ज़रूर खेलेगा

    स्रोत :
    • रचनाकार : राही डूमरचीर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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