मैंने भी अपनी जीभ को पेट में छिपा लिया है
mainne bhi apni jeebh ko pet mein chhipa liya hai
धनंजय मल्लिक
Dhananjay Mallick
मैंने भी अपनी जीभ को पेट में छिपा लिया है
mainne bhi apni jeebh ko pet mein chhipa liya hai
Dhananjay Mallick
धनंजय मल्लिक
और अधिकधनंजय मल्लिक
अर्द्धकटी जीभ से
आवाज़ नहीं निकलती
न ही प्रश्न दागे जा सकते हैं
बयान भी स्पष्ट रूप से दर्ज़ नहीं होता
जाति के इस संकेत को
मैं बेहतर समझता हूँ
मैंने भी अपनी जीभ को पेट में छिपा लिया है।
- रचनाकार : धनंजय मल्लिक
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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