तीस जून
tees june
जून महीना अभिमान-महीने (pride month) के रूप में मनाया जाता है।
कितनी कंपनियों की
महीने भर से अटकी साँस
छूट कर आकार ले रही है
एक भद्दे प्रिज़्म का
देखो! उनकी ज़ुबानों पर चिपके सात रंग
प्रिज़्म में लौट कर
समेट रहे हैं पंख अपने
क्रांतिकारी कवि ठूँस रहे हैं सरपट
इंद्रधनुषी कविता से जुटाई वाह
सब नारे डकार बन गए हैं
अभी थे, अभी ग़ायब!
तितलियाँ फिर पहन रही हैं
कैटरपिलर का बेरंग बदन
फूल ज़मीन में धँस कर
फिर से बन रहे हैं
आँसू की कोई बूँद
कुछ लड़कों की पिंडलियों पर
उभर रहे हैं निर्मम नील वापिस
ट्रांस महिलाओं के टखनों से
फिर सिले जा रहे हैं चौराहे
कोर्ट के अँधेरे में पड़ी
वैवाहिक समानता की चमचमाती याचिकाओं पर
फिर पटकी जा रही है
टोकरी भर धूल
एक जुलाई की सुबह का अलार्म सुन कर
सब फिर सो रहे हैं
गहरी, अनभिज्ञ नींद में…
- रचनाकार : शुभम नेगी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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