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अम्मा जनगणना की सचल इकाई नहीं हैं

amma janagnana ki sachal ikai nahin hain

संध्या चौरसिया

संध्या चौरसिया

अम्मा जनगणना की सचल इकाई नहीं हैं

संध्या चौरसिया

और अधिकसंध्या चौरसिया

    घर छोड़ते वक़्त स्मृति के अंतिम बिंब में

    दरवाज़े पर उदास मुस्कान लिए खड़ी अम्मा होती हैं

    घर छोड़ते वक़्त अम्मा से कहना होता है कि 'आते हैं'

    'जाते हैं' कहने से अम्मा नाराज़ होती हैं

    ये कहने में कि 'आते हैं'

    लौटने तक छूट रहे ठिकाने के

    वही होने की निश्चितता बनी रहती है

    भ्रम है यह निश्चितता

    अपनी मूल प्रवृत्ति में अन्याय भी

    अंततः मनुष्य सभ्यता की सचल इकाई है

    लेकिन अम्मा इस इकाई की जनगणना से वंचित हैं

    आपको यात्रा के लिए विदा करने वाले के भी अधिकार में यात्राएँ हैं

    हम जानते हैं कि अम्मा को कहीं नहीं जाना होता

    हमारी चेतना में घर और अम्मा एक हैं

    घर ईंट-पत्थर का जड़ मकान है

    लेकिन अम्मा कोई इमारत नहीं

    अम्मा जीती हैं हमारी निर्भरताओं का जीवन

    वो पैदा नहीं हुई थी हमारी निर्भरताओं के साथ

    ये उन पर थोप दी गई एक प्रवृत्ति है

    प्रवृत्ति जो महज़ छलावा है सुखकर होने का

    जो औरतें नहीं जाती यात्राओं पर

    बावजूद ये पता होने के कि

    नई मिट्टी से लीपे जा सकते हैं चूल्हे

    वे बड़ी देर तक ताकती हैं मिट्टी के टूटे चूल्हों को

    कभी किसी यात्रा के दौरान

    बस में पर्स से गिर पड़ी बिंदी की पत्ती

    उन्हें हफ़्तों याद आती है

    वहीं होने का सम्मोहन टूटता ही नहीं

    रिजर्वेशन की सीट औरत को काम पर ले जाने के लिए है

    यात्राओं के लिए नहीं

    डरता है समाज कि यात्राओं में

    देख आए हर शहर की सड़क पर

    इतिहास के बहीखाते से

    वे अपनी हिस्सेदारी खोज लाएँगी

    समाज में हक़ माँगती औरत बिगड़ैल होती है

    बड़े शहरों के भव्य दफ़्तरों के लंच टाइम में

    घर के खाने को याद करते हुए

    अम्मा कस दी जाती हैं चूल्हों से

    हमने अम्मा के हिस्से के कितने ही

    लखनऊ, दिल्ली, बनारस लूटे हैं

    मैंने अम्मा को घर से ननिहाल जाते

    किसी से कहते नहीं सुना कि 'आती हूँ'

    स्रोत :
    • रचनाकार : संध्या चौरसिया
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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