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हिंदू-मुस्लिम एकता का नया कोरस

hindu muslim ekta ka naya koras

सत्येंद्र कुमार

सत्येंद्र कुमार

हिंदू-मुस्लिम एकता का नया कोरस

सत्येंद्र कुमार

और अधिकसत्येंद्र कुमार

    मियाँ कहकर मारो-काटो

    ज़ोर से बोलो जय श्रीराम

    ‘कटुआ' कहकर टाँग उखाड़ो

    ज़ोर से बोलो जय श्रीराम

    औरतों के स्तन काटो

    कम्युनिस्टों की गर्दन काटो

    बच्चों पर पेट्रोल छिड़क कर लड़की पर तेज़ाब फेंककर

    ज़ोर से बोलो जय श्रीराम, जय श्रीराम

    'न्यूटन' का गति नियम बखानो

    ‘हटिंगटन' से सुर मिलाओ

    जाति-धर्म के मंत्र उचारो

    अमेरिकी ‘विश्वग्राम' के कुत्ते बनकर

    ज़ोर-ज़ोर से ख़ूब चिल्लाओ

    जय श्रीराम, जय श्रीराम

    ‘गांधी’ की आवाज़ छीन लो

    ‘गोडसे’ की कैसेट बजवाओ

    अँग्रेज़ों की मुख़बिरी करके

    प्रधानमंत्री की कुर्सी पाओ

    चर्च जलाओ, मस्जिद ढाहो

    शिव की सेना बन-बनकर

    खेत और खलिहान जलाओ

    मध्यवर्ग की छतरी ओढ़े

    बड़ी-बड़ी दुकानें लूटो

    जब-जब करे कोई विरोध

    तब-तब बोलो, जय श्रीराम, जय श्रीराम

    वर्ल्ड बैंक से भीख माँगकर

    उसके आगे दुम हिलाकर

    शिक्षा का नाटक दिखलाओ

    भड़ुओं की ठेकेदारी से

    सत्ता की ऊँची कुर्सी तक

    अपने परिवारों को भरकर

    लोकतंत्र का बैंड बजाओ

    बाहर-बाहर जोड़-तोड़ है

    भीतर-भीतर जय श्रीराम

    पंडित-मुल्ला राज करेंगे

    मंदिर-मस्जिद आबाद करेंगे

    उनके हाथों देश सौंपकर

    राम को बेचो

    कृष्ण को बेचो,

    अल्ला बेचो,

    मौज़ उड़ाओ

    आम जनों से पाँव पुजवाओ

    सब के सब गले मिल-मिलकर

    अपने दुश्मनों से दुनिया बचाओ

    ज़ोर-ज़ोर से फिर चिल्लाओ

    ‘‘दुनिया के कट्टरपंथियों, एक हों, एक हों''

    और फिर सब कोई नाच-नाचकर

    एक ही गीत फिर दुहराओ

    कोरस में शामिल हो जाओ

    जय श्रीराम, जय श्रीराम

    अल्लाहो अकबर, अल्लाहो अकबर।

    स्रोत :
    • पुस्तक : हे गार्गी (पृष्ठ 66)
    • रचनाकार : सत्येंद्र कुमार
    • प्रकाशन : रश्मि प्रकाशन
    • संस्करण : 2018

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