Font by Mehr Nastaliq Web

हमारे सुनने का बुनियादी ऐब

hamare sunne ka buniyadi aib

सवाई सिंह शेखावत

सवाई सिंह शेखावत

हमारे सुनने का बुनियादी ऐब

सवाई सिंह शेखावत

और अधिकसवाई सिंह शेखावत

    हमारे सुनने का बुनियादी ऐब है

    हम अक्सर ऊँचा सुनते हैं

    नर्म मुलायम आवाज़ों को तवज्जोह नहीं देते

    जीवन की कोमल तानों को अनसुना करते हैं

    जब कि मानुष होने के लिए

    उनका सुना जाना ज्य़ादा ज़रूरी है

    सुनने की कोशिश में

    हम नहीं सुनते मनुष्य की रुलाई

    हम शब्दों की गूँज सुनते हैं या आक्रामक हँसी

    भूतपूर्व सुनते हैं या फिर महान भविष्य में

    हमारा सुनना समकाल में नहीं होता

    (बावजूद तमाम उद्घोषणाओं के)

    याद रखने की जुगत में हम भुलाने को सुनते हैं

    ठोस सुनते हैं मगर आड़ा-तिरछा

    सूधा नहीं सुनते सयानप और बाँकपने से रहित

    चुप से बचकर सुनते हैं और एक चीख़

    हमें खींच लेती है गुरुत्वाकर्षण की तरह

    हमारे सुनने में देश है और दुनिया भी

    लेकिन अपने ही मुहल्ले की आवाज़ नहीं है

    हम हड़बड़ी में सुनते है या फिर सतर्क होकर

    सहज मिली ख़ुशी की तरह नहीं सुनते

    हमारे सुनने में शामिल हैं कुछ चुस्त जुमले

    सीधी-सरल बातें हमें बोदी लगती हैं और दयनीय भी

    एक कामयाब चालू आदमी को हम आदरपूर्वक सुनते हैं

    एक असफल आदमी को सुनते हैं उपहास की तरह

    सुनने के विमर्श को लेकर

    हम कितना ही गंभीर होने का नाट्य करें

    अपने तमाम संजीदापन के बावजूद

    हम सुनते हैं मतलब की यारी की

    जबरे की सुनते हैं या ज़रदारी की।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सवाई सिंह शेखावत
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए