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हमारे बच्चे

hamare bachche

परमेंद्र सिंह

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हमारे बच्चे

परमेंद्र सिंह

और अधिकपरमेंद्र सिंह

    हमारे बच्चे भी चलते हैं ठुमक-ठुमक

    उनकी भी पैजनियाँ मधुर बजती हैं

    हमारे बच्चे भी चुराकर करते हैं तिलगुड़ी

    हमारे बच्चे भी तोड़ते हैं खिलौने, सलेट, धनुष

    मगर हमारे बच्चों की लीलाएँ देखकर

    कवि उपमाएँ नहीं गढ़ते

    देवता पुष्पवर्षा नहीं करते।

    स्रोत :
    • पुस्तक : कोई भी अंत अंतिम नहीं (पृष्ठ 15)
    • रचनाकार : परमेंद्र सिंह
    • प्रकाशन : शिल्पायन पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स
    • संस्करण : 2016

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