Font by Mehr Nastaliq Web

एक बच्चे की कोरोना से बातचीत

ek bachche ki korona se batachit

चंद्रबिंद

चंद्रबिंद

एक बच्चे की कोरोना से बातचीत

चंद्रबिंद

और अधिकचंद्रबिंद

    बताओ कोरोना

    तुम तो पहली बार आए थे

    तुम्हें तो अतिथि की तरह रहना चाहिए था

    तुम्हारे बारे में

    पहले कभी सुना भी तो नहीं था।

    तुम भी तो बच्चे ही थे

    कुछ माह पहले ही तो

    तुम्हारा जन्म हुआ था

    फिर तुम, कैसे बन गए?

    बच्चों के ही दुश्मन!

    हमने किसी का क्या बिगाड़ा होगा?

    हम तो शामिल भी नहीं थे

    विकास की इस अंधी दौड़ में

    फिर भी छीन लिया था तुमने...

    हमारी किताबें

    हमारा स्कूल बैग

    हमारी पानी की बोतलें

    हमारा टिफ़िन बॉक्स

    हमसे हमारा विद्यालय और खेल का मैदान।

    पर इतने से भी तुम कहाँ रुके थे?

    और फिर हमें पटक दिया था

    एक ऐसे प्लेटफ़ॉर्म पर...

    जिससे हमारा कोई नाता था

    और ही हमें वह भाता था।

    उफ़! कितना दुखदायी था

    संपूर्ण विद्यालय को

    मोबाइल की एक स्क्रीन से देखना

    विषय की बात तो दूर

    हम यह भी नहीं समझ पाते थे कि

    इस स्क्रीन पर

    मेरा कौन साथी

    है और कौन नहीं?

    घंटों बैठने से

    हमारी आँखे दुखने लगती थीं

    कई बार तो लाल-लाल हो जाती थीं

    मोबाइल की स्क्रीन की तरह।

    इधर कुछ दिनों से

    हमारी कक्षा में

    एक नया शरारती बच्चा गया था

    वह हमें रोज़ परेशान करता

    यहाँ तक कि

    शिक्षक को भी नहीं छोड़ता था

    उसके कारण हर दिन किसी किसी को

    डाँट सुननी पड़ती।

    अब तो ऐसा लगने लगा था कि

    हम कितने सही हैं और कितने ग़लत

    यह हमारे हाथ में नहीं,

    नेटवर्किंग के हाथ में है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : चंद्रबिंद
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए