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दिया

diya

अनुवाद : पांडुरंगा राव

दिया बुझा दे प्यारी!

मन अपना मैं टिका पाता तुझ पर इस उजियारी में।

दिया बुझा दे प्यारी!

घुप-घुप कजरी घनी अँधेरी छाने दे फुलवारी में,

चमक दमक तेरे नयनों की देखूँ उस अंधियारी में।

दिया बुझा दे प्यारी!

मन अपना मैं टिका पाता तुझ पर इस उजियारी में

दिया बुझा दे प्यारी!

उसी चमक में तेरी सूरत बार-बार मन पर उभरे

अंधियारी में देखें छिद-छिद मेरे नैन उमंग भरे।

दिया बुझा दे प्यारी!

मन अपना मैं टिका पाता तुझ पर इस उजियारी में।

दिया बुझा दे प्यारी।

पलकें बंद किए तज चितवन छवि की सुधि बिसराएँ।

बेसुध मैं तुझ पर तू मुझपर! झुक करके सो जाएँ।

दिया बुझा दे प्यारी।

मन अपना मैं टिका पाता मुझ पर उजियारी में।

दिया बुझा दे प्यारी।

स्रोत :
  • पुस्तक : आधुनिक तेलुगु कविता (प्रथम भाग)
  • रचनाकार : नंडूरि वेंकटसुब्बाराव
  • प्रकाशन : आंध्र प्रदेश साहित्य अकादमी
  • संस्करण : 1969

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