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दस्यु सुंदरी

dasyu sundri

विपिन चौधरी

विपिन चौधरी

दस्यु सुंदरी

विपिन चौधरी

और अधिकविपिन चौधरी

    किसी रोज़ हम दस्यु सुंदरी से मिलने गए

    सदी यही थी

    तारीख़ और साल दिमाग़ की तंत्रिकाओं में हैं कहीं गुम

    उस रोज़ दस्यु सुंदरी से बाक़ायदा हमने गर्मजोशी से हाथ भी मिलाया

    मुलाक़ात से पहले हम उसे फियरलेस नादिया-सी चंचल युवती समझते थे

    सुंदरी से मिलने पर

    आँखों के फ़्रेम में तस्वीर बदली हुई लगी

    वीरान, बेरौनक़, अथाह ग़मगीन में लिपटी

    एक बारीक काया से सामना हुआ

    उस पर नज़र पड़ते ही हमें अपने आस-पास बीहड़ जंगल का भान होने लगा

    हम डरते नहीं थे पर

    मामला दस्यु सुंदरी का था

    एकबारगी ऐसा भी लगा अचानक इस सुंदरी ने हम पर हमला कर दिया तो

    हम निहत्थों की लाश भी अपने ठिकाने नहीं पहुँचेगी

    उस ख़ामख़याल की उम्र कुछ ही पलों की थी मगर

    सींखचों को थामे दस्यु सुंदरी भूतकाल का खोया सिरा तलाशती

    हर बार गड़बड़ाती उसकी गिनती

    बार-बार उसे अँधेरी कोठरी में गहरे उतरना पड़ता

    ठाकुर, कुआँ, चंबल, बंदूक़, आँसू, चीख़

    उसके स्लेटी जीवन का पहाड़ा बना इन्हीं चीज़ों से

    यह ताबीज़ दादी ने बचपन में पहनाई थी,

    पूछने पर बताया उसने

    सब कुछ लुटने के बाद यह भी यह

    ताबीज़ उम्मीद-सी लगी रही उसके सीने से

    अकालग्रस्त बचपन की देहरी लाँघ

    शामिल हुई वह जवानी के बेड़े में

    शामियाने में छुपी हुई कीलें तब

    चुभी उसके जिस्म पर एक साथ

    जवान जहान संसार ने

    देखा उसका निर्वस्त्र पागलपन

    पुरुष की छाया का आभास पाते ही

    सब कुछ उघाड़ कर रखता हुआ

    सुंदरी के पहले निशाने पर

    था पुरुष

    दूसरे निशाने पर भी पुरुष

    आख़िरी उँगली भी थी पुरुष की ओर ही

    पुरुष प्रजाति के प्रति वाजिब घृणा के बावजूद

    दस्यु सुंदरी

    इक पुरुष के वरण की आस पाल कर

    नारीवादियों की तिरछी नज़र की शिकार बनी

    इधर हमें भी अपने पुरुष-अवतार पर रहा संदेह

    या अपनी चमकीली ख़ानदानी विरासत के चलते

    हमारी स्मृतियों ने दस्यु सुंदरी की भयावह कहानी को भूलने को किया मजबूर

    याद रही तो केवल वह विश्व सुंदरी

    प्लास्मा टी.वी. के भीतर हिलती-डुलती थी जो

    जिसकी विस्तृत नीली आँखों में

    कई नक्षत्र गोते लगाने का उठाते थे जोखिम

    स्रोत :
    • रचनाकार : विपिन चौधरी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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