Font by Mehr Nastaliq Web

अजीब शब्द है डर

आज तक मेरे लिए अबूझ

बहुत डरता था मैं

साँप, छिपकली और बिच्छू से

याद आता है :

छिपकली पकड़ने को उत्सुक तीन वर्षीय भाई

और खाट पर चढ़कर काँपते हुए

उसे मेरा डाँटना

अब नहीं डरता मैं जानवरों से

पर समझदार होना

शायद डर के नए विकल्प खोलना है

मेरे गाँव का अक्खड़ जवान भोलुआ

जिसने एक नामी ग़ुंडे को धो डाला था

कल मरियल ज़मींदार के जूते खाता रहा

उसका बाप कह रहा था

समझ गई भोलुआ को

अब कोई डर नहीं।

बहरूपिया है डर

डराते थे कभी

चेचक, कैंसर और प्लेग

अब मौत पर भारी बेरोज़गारी

बहुत डर लगता है

रोज़गार कॉलम निहारते सेवानिवृत्त पिता की आँखों से।

आज कुछ भी डरा सकता है

एक टीका

टोपी

दाढ़ी

यहाँ तक की सिर्फ़ एक रंग से भी

छूट सकता है पसीना

सपने में भी सोचा था

पर सच है, मुझे डर लगता है

बेटी के सुंदर चेहरे से

और हाँ! उसके गोरे रंग से भी।

किसी ने बताया डर से बचना चाहते हो

तो डराते रहो दूसरों को

पर देखा एक डराने वाले को

जिसने गोली मार दी

अपनी प्रेमिका को

डर के मारे।

कहते नहीं बनता

पर जब भी अकेले होता हूँ

बहुत डर लगता है ख़ुद से

एक दिन मैं देख रहा था

अपना गला दबाकर

यह भी जाँचा था

कि मेरी उँगलियाँ आँखें फोड़ सकती हैं या नहीं

और उस दिन

अपने हाथों पर से भरोसा उठ गया।

साज़िश रचती हैं साँसें मेरे ख़िलाफ़

लाख बचाने के बावजूद

पत्थर से टकरा जाते हैं पैर।

अब मैं किसी इमारत की छत पर

या पुल के किनारे नहीं जाता

मेरे भीतर बैठा कोई मुझे कूदने को कहता है

तब मैं ज़ोर-ज़ोर से कुछ भी गाने लगता हूँ

या किसी को भी पकड़ बतियाने लगता हूँ

पर क्या पता

किसी दिन

कहने की बजाय वह धक्का ही दे दे।

एक दिन मैंने उससे पूछा

किससे डरते हो

मार से

भूख से

मौत से

किससे डरते हो

बहुत देर की ख़ामोशी के बाद

आई एक हल्की-सी आवाज़

मुझे बहुत डर लगता है

डर से।

स्रोत :
  • रचनाकार : प्रमोद कुमार तिवारी
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

संबंधित विषय

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए