Font by Mehr Nastaliq Web

कर्फ़्यू की रात

curfew ki raat

अरविंद चतुर्वेद

अरविंद चतुर्वेद

कर्फ़्यू की रात

अरविंद चतुर्वेद

और अधिकअरविंद चतुर्वेद

    एक घर की हसरतों को यूँ समेटे

    नींद आती ही नहीं

    करवट बदलते रात के बारह बजे तक

    बिस्तर के अँधेरे में लेटे-लेटे

    सोचता हूँ

    तुम्हारी काग़ज़ी इन ख़ुराफ़ातों में

    मैं कहाँ पर हूँ—

    फ़ाइलों के तरतीबतर अंबार में

    बिज़नेस प्रमोशन में

    टर्न ओवर में

    तुम्हारी पार्टियों में शाम की मदहोशियों में!

    या कि उजड़े गाँव के

    खपरैल वाले एक घर के

    सभी सपने ले उड़ा मैं

    तबसे उसकी बेइंतिहा इंतज़ार करती

    रात-दिन की ख़ामोशियों में

    मैं कहाँ पर हूँ?

    वह भी इक दुनिया है

    दुनिया की तरह

    जो धड़कती है

    फड़कती है आँख में क्यों अपशकुन बनकर!

    इक टिकट काटे वापसी का जेब में रखकर

    मैं घूमता हूँ दर-ब-दर

    कब तक बचाता रह सकूँगा

    शातिर समय के जेबकतरे से

    मैं बचाता रहा हूँ ख़ुद को

    सपने देखने के सौ-सौ ख़तरे से

    कोई सुख भी होता है क्या इस तरह से ग़म का मारा!

    करवट बदलते

    रात के बारह बजे तक

    बिस्तर के अँधेरे में यूँ ही लेटे

    सोचता हूँ—

    क्या करूँ?

    गौतम बुद्ध-सा

    मैं दबाए पाँव

    निकल भागूँ

    छोड़ दूँ यह कपिलवस्तु तुम्हारे हाल पर

    या कि अपने सोच पर कर्फ़्यू लगा दूँ

    जिस तरह कर्फ़्यू लगा है

    शहर में!

    स्रोत :
    • पुस्तक : सुंदर चीज़ें शहर के बाहर हैं (पृष्ठ 56)
    • रचनाकार : अरविंद चतुर्वेद
    • प्रकाशन : प्रकाशन संस्थान
    • संस्करण : 2003

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए