रहमान तूने बहुत देर कर दी
rahman tune bahut der kar di
दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे
dilip Purushottam chitre
रहमान तूने बहुत देर कर दी
rahman tune bahut der kar di
dilip Purushottam chitre
दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे
और अधिकदिलीप पुरुषोत्तम चित्रे
रहमान तूने बहुत देर कर दी
नहीं, अब्बाजान, आपके सिरहाने ही तो था
कुरान पढ़ता हुआ
मेरी सारी बकरियाँ कहाँ चली गयीं?
वो काली, वो सफ़ेद वाली?
नहीं, अब्बाजान, यह रमजान है
रहमान, देखो मेरे सभी दिन उड़े जा रहे हैं
देवदूतों की पोशाक पहने बादलों की तरह
नहीं, अब्बाजान, मातम की घड़ी अभी टली नहीं है
रहमान, रहमान, अल्ला का कोई रंग नहीं
हम सिर्फ़ सुन सकते हैं उसका अन्तरंग
हाँ, अब्बाजान, मैं अल्लाह ही हूँ।
- पुस्तक : मैजिक मुहल्ला खंड दो (पृष्ठ 16)
- रचनाकार : दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे
- प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
- संस्करण : 2019
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