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चौथ का चाँद

chauth ka chaand

योगेश कुमार ध्यानी

योगेश कुमार ध्यानी

चौथ का चाँद

योगेश कुमार ध्यानी

और अधिकयोगेश कुमार ध्यानी

    वे इमारतें जो सबसे ऊँची और भव्य थीं

    वहाँ सबसे पहले पहुँचा चौथ का चाँद

    जिनके पास थी बालकनी या चहल-क़दमी वाली छत

    फिर वहाँ उतरी उसकी छवि

    ऊँचाई से गहराई की तरफ़ रहा

    उसका दिखना

    ओहदे के हिसाब से

    भव्यता के घटते हुए क्रम में

    बहुत से लोगों ने प्रतीक्षा की चाँद की

    बहुत-सी स्त्रियाँ किवाड़ों पर देर तक

    लगाए रहीं टक-टकी

    सबसे आख़िर मे देखा

    उस स्त्री ने चाँद

    जिसका पति दिन भर के श्रम के बाद

    सुनिश्चित कर के आया

    कि परिवार में सबकी थाली मे हो

    चाँद के आकार-सी रोटी।

    स्रोत :
    • रचनाकार : योगेश कुमार ध्यानी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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