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चरित्रहीनता : आठ

charitrhinta ha aath

संदीप रावत

संदीप रावत

चरित्रहीनता : आठ

संदीप रावत

और अधिकसंदीप रावत

    प्रेम या एकांत जितना राहविहीन और क्या हो सकता है

    जीवन को राहविहीनता की परवाज़ लिए जाती है

    जब कोई किसी से नहीं पूछता कि दुख का क्या करूँ तो

    पत्तों और पत्थरों की आकृतियाँ

    दिल के इतने क़रीब जाती हैं

    कि लगता है ‘क़रीबी’ सबसे सूक्ष्म शब्द है

    एक रहस्य है जो किसी ‘के लिए’ नहीं होता

    मैं जिसे पत्ता या नीला कहता हूँ उसे

    पत्ता और नीला कहकर भी अनजान हूँ

    इतना अनजान कि उसे

    कुछ भी कह-पुकार सकता हूँ

    मेरे पास जो कुछ भी है वह

    टूटने-बिखरने-मिटने-खोने वाला है

    मेरा मेरे बारे में जो ख़याल है वही ख़याल

    हर चीज़ के बारे में ख़याल बनाता है

    ख़याल बनाना दूरी बनाना होता है

    दूरी का भाव ही तय करता है

    चीज़ों ‘को’ कैसे और क्या देखना है

    चीजों ‘में’ क्या देखना है

    एक शाम

    तुम्हारे सारे ख़याल

    मुझे हर जगह छोड़कर चले गए

    यहीं कहीं मैं यूँ था जैसे सांध्य रंग

    यूँ था जैसे एक संयोग

    एक शुरुआत

    यहीं कहीं मैं यूँ था जैसे

    अंत

    कितना कुछ है जो सिर्फ़

    ध्वनियों से बदलता-ठहरता-टूटता-बहता

    और निर्मित होता है।

    कितना कुछ बदलता-ठहरता-टूटता-बहता-निर्मित होता है

    और

    कोई

    ध्वनि

    नहीं

    होती

    आँसुओं और पुकारों का संबंध

    सांध्य-रंगों से कहीं टूट जाए

    इसलिए तुम गाते रहो

    ओ! प्रेम के एकांत

    अचानक जाने कैसे सागर की याद आती है कि मैं

    भूल जाता हूँ कहाँ से आया था

    कहाँ जाना है

    इतनी-सी भूल मुझे

    नदी में तब्दील कर देती है

    शाम कमरे में लौट आता हूँ मगर दिमाग़ में

    एक अकेला घोड़ा है नदी पार करता हुआ

    एक बादल की आकृति है और

    नदी

    घोड़े

    बादल की स्वतंत्रता का

    अटूट एकांत है

    एकांत

    जिसे मैं

    किसी अर्थ से नहीं बाँधता

    मेरे पैरों तले

    पुराने कपड़ों से बुनी दरी बिछी है जिसने

    पृथ्वी को

    हाथों की कशीदाकारी से भर दिया है

    कुछ दोस्त मुझसे मिलने आते हैं और

    उनके चले जाने के बाद

    मेरा कुत्ता

    दरी की गिरहों को

    बारीकी से सूँघता है…

    स्रोत :
    • रचनाकार : संदीप रावत
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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