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बेटी सोहर

beti sohar

आकृति विज्ञा 'अर्पण’

और अधिकआकृति विज्ञा 'अर्पण’

    अखियां लागे जइसे सेमर

    होठवा गुलाब नीयन हो

    आहो हमरो जे होती एक बिटिया 

    सोहर हम गवती नु हो...

    अन धन बाग इचा

    जोहे एक चिर नु हो

    आहो एक रे चिरइया धनि  इती

    सोहर हम गवती नु हो।

    अन धन नेगवा लुटवती 

    लोरिया सुनवती नु हो

    आहो घरवा के सरग बनवती

    सोहर हम गवती नु हो।

    दु्ई कुल के धीयवा अजोरिया 

    जनम सधावेली हो 

    आहो हमहू के पार लगवती 

    सोहर हम गवती नु हो

    स्रोत :
    • रचनाकार : आकृति विज्ञा 'अर्पण’
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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