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बगुला

bagula

वह बगुला जिसने बताया था मछलियों को

कुछ दिनों बाद तालाब का पानी सूख जाएगा

आँखों को बंदकर

इक पैर पर खड़े ध्यानमग्न बगुले को देखकर

मछलियों ने विचार किया

ये बगुला है मगर,

इसके गुण-ढंग बगुलों से नहीं

हिम्मत कर पास जाकर

मुस्कुराती इक मछली ने पूछा

अब इसका उपाय बताएँ

उसने मछली को पुचकारा और बताया कि

पास ही पानियों से

लबाबब भरा एक-दूसरा तालाब है

तुम सब एक-एक कर आना

मैं तुम्हें वहा पहुँचा दूँगा

फिर एक-एक कर

मछली ख़ुशी-ख़ुशी उसके पास पहुँचती चली गई

कहानी मे जो पात्र मक्कार था

आजकल संसद की सदस्यता

हासिल है उसे...

स्रोत :
  • रचनाकार : गुंजन उपाध्याय पाठक
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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