ऐसी भाषा
aisi bhasha
सारी उम्र बच्चों को पढ़ाई भाषा
और विदा करते समय उन्हें
पास में नहीं था एक ऐसा शब्द
जिसे देकर कह सकता कि लो
इसे सँभाल कर रखना
यह संकट के समय काम आएगा
या कि वह तुम्हें शर्मिंदगी से बचाएगा
या कि वह तुम्हें गिरने से रोकेगा
या कि ज़रूरत पड़ने पर यह तुम्हें टोकेगा
या कि तुम इसके सहारे किसी भी नीचता का सामना कर सकोगे
या इतना ही कि कभी-कभी तुम इससे अपना ख़ालीपन भर सकोगे
या किया यह शब्द ज़मीन की मिट्टी का टुकड़ा है
या कि यह शब्द दो जून की रोटी से बड़ा है
कुछ भी नहीं था मेरे पास
कुछ भी नहीं है—यह तक कह सकने की
भाषा न थी।
- पुस्तक : निर्वाचित कविताएँ (पृष्ठ 121)
- रचनाकार : भगवत रावत
- प्रकाशन : इतिहासबोध प्रकाशन
- संस्करण : 2004
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