गीले तट में जकड़ती और डूबती हैं। भूरे प्रदेश
को हवा पार करती है, अश्रुत। अप्सराएँ चली गई हैं।
प्रिय थेम्स, जब तलक मैं अपना गीत ख़त्म करूँ, धीरे बहो।
सरिता किनारे ख़ाली बोतलें, सैंडविच के काग़ज़, रेशमी रूमाल,
गत्ते के डिब्बे
सिगरेट के टुकड़े या ग्रीष्म रात्रियों के अन्य चिह्न नहीं हैं।
अप्सराएँ चली गई हैं
तथा उनके मित्र, सिटी डायरेक्टरों के आवारागर्द लड़के
चले गए, उन्होंने कोई पते नहीं छोड़े।
लेमान के जल के किनारे मैं बैठा तथा रोया...
प्रिय थेम्स, जब तलक मैं अपना गीत ख़त्म करूँ, धीरे बहो,
प्रिय थेम्स, धीरे बहो, मैं तीव्र स्वर में, अत्यधिक नहीं कहता
किंतु अपने पीछे शीत अंधड़ में
हड्डियों की खड़खड़ाहट तथा कानों तक फैली हँसी सुनता हूँ।
जब मैं
अपने नरेश भ्राता के भग्न पोत पर विचारता था
तथा इसके पहिले अपने नरेश पिता की मृत्यु पर सोचता हुआ
गैस हाउस के पीछे ठंड की इक शाम को
मंद नहर में मछली मार रहा था, तट पर अपना लिजलिजा पेट रगड़ते हुए
एक चूहा वनस्पति के बीच से चुपचाप खिसका।
श्वेत शरीर निचले ठंडे थल पर नग्न,
तथा सँकरी, छोटी अटारी में फेंकी गई हड्डियाँ,
वर्ष प्रति वर्ष केवल चूहे के पैर से खड़खड़ाई गईं।
किंतु समय-समय पर मेरे पीछे
मैं भोपुओं और मोटरों की आवाज़ सुनता हूँ
जो वसंत में स्वीनी को श्रीमती पोर्टर के पास लाएगी।
ओह चंद्रमा श्रीमती पोर्टर पर चमकता है
तथा उनकी पुत्री पर
वे अपने पैर सोडावाटर से धोती हैं
और ओह यह गुंबद के तले गाते हुए बालकों की आवाज़ें!
ट्विट-ट्विट-ट्विट
जग्-जग्-जग्
अत्यधिक बलपूर्वक विवश
टेरियस
असत्य नगरी
शिशिर के मध्याह्न के भूरे कुहरे तले
स्मरना के व्यापारी श्री यूजिनाइडीज़ ने,
दाढ़ी बढ़ाए हुए, भरे जेबों में
'सी. आई. एफ़. लंदन, साक्षात्कार पर काग़ज़ात' वाले मुनक्के के लिए,
मुझे टूटी-फूटी फ़्रेंच में
कैनन स्ट्रीट होटल में नाश्ते
तथा तत्पश्चात् एक इतवार राजधानी में बिताने के लिए
आमंत्रित किया।
बैंगनी घड़ी में, जब आँखें और पीठ डेस्क के ऊपर उठती हैं,
जब मानव-एंजिन इंतज़ार करती टैक्सी-सा स्पंदित ठहरता है,
मैं, टिरेशियस, यद्यपि अंधा, दो जीवनों में स्पंदित, झुर्रीदार स्त्री-छातियों वाला,
बैंगनी प्रहर में, संध्या के उस घंटे को देख सकता हूँ
जो घर की ओर बढ़ता है
तथा नाविक को समुद्र से घर की ओर लाता है।
टाइपिस्ट चाय के समय घर आती है, सुबह की जूठन साफ़ करती है,
स्टोव जलाती है तथा डिब्बों से भोजन निकालती है।
खिड़की से बाहर सूर्य की अंतिम किरणों से छुए जाते
उसके ख़तरनाक ढंग से सूखते हुए वस्त्र फैले थे।
मोज़े, स्लिपर, चोलियाँ, दीवान [रात्रि को उसके बिस्तर] पर रखी हुई थी।
मुझ टिरेशियस ने, झुर्रीदार कुचाग्रों वाले बूढ़े ने
यह दृश्य देखा, तथा शेष पहले ही बता दिया—
मुझे भी प्रत्याशित मेहमान की प्रतीक्षा थी।
वह, ज़हरबाद से पीड़ित, साहसी दृष्टि वाला,
छोटे हाउस-एजेंट का क्लर्क, उन निचले व्यक्तियों में से एक
जिन पर आत्मविश्वास ब्रेडफ़ोर्ड के किसी लखपती के सिर पर रेशमी हैट-सा
बैठता है, आता है
जैसा कि वह समझता है, अब समय अनुकूल है,
खाना ख़त्म हो गया है, वह थकी और ऊबी हुई है,
उसे आलिंगनों में बाँधने की कोशिश करता है
जिनका स्वागत नहीं है तो मनाही भी नहीं है।
उत्तेजित, और निश्चित, वह तुरंत हमला करता है
खोजते हुए हाथों को रक्षार्थ कोई विरोध नहीं मिलता
उसका दर्प कोई प्रत्युत्तर नहीं चाहता
तथा उदासीनता का स्वागत करता है,
[और इसी दीवान या बिस्तर पर
मुझ टिरैशियस ने यह पहले ही सहा है
मैं जो दीवार के तले थीब्स के किनारे बैठ चुका हूँ
तथा निम्नतम मृतों के बीच विचरण कर चुका हूँ]
एक अंतिम ढाढ़स बँधाने वाला चुंबन लेता है
तथा सीढ़ियाँ अँधेरी पाकर टटोलता हुआ अपनी राह लेता है...
वह मुड़ती है और एक क्षण के लिए दर्पण देखती है
उसे अपने बिछुड़े हुए प्रेमी का मुश्किल से आभास है;
उसका दिमाग़ एक अर्द्ध-निर्मित विचार को बढ़ जाने देता है
'चलो अब यह हो गया; और मैं ख़ुश हूँ कि यह ख़त्म हुआ'
जब सुंदर स्त्री मूर्खता पर उतारू होती है
तथा पुनः अकेली अपने कमरे में टहलती है
तब वह स्वचालित हाथ से केश सहलाती है
तथा ग्रामोफ़ोन पर एक रिकार्ड रखती है।
'यह संगीत मेरे पार्श्व से हौले गुज़र गया'
और स्ट्रैंड से क्वीन विक्टोरिया स्ट्रीट तक
ओ महानगरी, लोअर थेम्स स्ट्रीट में एक सार्वजनिक मदिरालय के पार्श्व में
कभी-कभी मैं मेंडोलिन की सुखद कराहती-सी ध्वनि सुनता हूँ
तथा अंदर से बकवास तथा बड़बड़
जहाँ मछुए दुपहर में आराम करते हैं : जहाँ मैग्नस मार्टिर की दीवारें
ईओन के रजत तथा स्वर्ण के अबोध्य वैभव की स्वामिनी हैं।
सरिता प्रस्वेवित होती है
तेल और कोलतार
ज्वार-प्रज्वार के साथ
बजड़े तैरते हैं
लाल पाल
चौड़े
हवा के बहाव की ओर, बोझिल मस्तूल पर झूलते हैं।
बजड़े तैरती हुई बल्लियों को
ग्रीनविच के मोड़ों के नीचे
डॉग्ज के द्वीप के उस पार
बहा देते हैं।
विआलाला लीआ
वल्लाला लीआलाला
एलिज़ाबेथ तथा लीसेस्टर
चप्पू खेते हुए
पिछला हिस्सा बताया गया
एक रँगी हुई नाव
लोहित तथा स्वर्णिम
एक तीव्र लहर ने
दोनों किनारों को झकझोर दिया
दक्षिण-पश्चिमी वायु
प्रवाह के साथ ले गई
घंटियों की ध्वनियाँ
श्वेत मीनारें
विआलाला लीआ
वल्लाला लीआलाला
'ट्राम और धूल भरे वृक्ष।
हाइबरी ने मुझे उबाया। रिचमंड तथा क्यू ने
मुझे बरबाद किया। रिचमंड के पास
मैंने सँकरी नाव के फ़र्श पर उतान लेटे अपने घुटने उठाए।'
'मेरे पैर मूरगेट पर हैं, और मेरा हृदय
मेरे पैरों के नीचे। घटना के पश्चात्
वह रोया। उसने एक नई शुरूआत का वादा किया।
मैने कुछ न कहा मुझे क्या नाराज़गी होनी चाहिए?'
'मारगेट सैंड्स पर।
मैं कुछ नहीं से
कुछ नहीं जोड़ पाती।
गंदे हाथों के टूटे हुए नख।
मेरे स्वजन मेरे दीन स्वजन जो
कोई आशा नहीं करते।'
ला ला
तब मैं कार्थेज को आया
जलते हुए, जलते हुए, जलते हुए, जलते हुए
ओ स्वामी मुझे तू अपनी ओर खींचता है
ओ स्वामी तू अपनी ओर खींचता है
जलते हुए।
- पुस्तक : मरु-प्रदेश और अन्य कविताएँ (पृष्ठ 50)
- रचनाकार : टी. एस. एलियट
- प्रकाशन : नोबेल साहित्य प्रकाशक, कटक-2
- संस्करण : 1960
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