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आगे रवि पीछे चलै

aage rawi pichhe chalai

आगे रवि पीछे चलै,

मंगल जो आसाढ़।

तौ बरसै अनमोल ही,

पृथी अनंदै बाढ़॥

आषाढ़ में यदि सूर्य आगे और मंगल पीछे हो, तो पानी ख़ूब बरसेगा और पृथ्वी पर आनंद बढ़ेगा।

स्रोत :
  • पुस्तक : घाघ और भड्डरी (पृष्ठ 101)
  • संपादक : रामनरेश त्रिपाठी
  • रचनाकार : भड्डरी
  • प्रकाशन : हिंदुस्तानी एकेडेमी, यू.पी, इलाहाबाद
  • संस्करण : 2017

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