यहाँ हर मोड़ पर इक रहनुमा बैठा मिलेगा
yahan har moD par ek rahnuma baitha milega
लक्ष्मण गुप्त
Laxman Gupta
यहाँ हर मोड़ पर इक रहनुमा बैठा मिलेगा
yahan har moD par ek rahnuma baitha milega
Laxman Gupta
लक्ष्मण गुप्त
और अधिकलक्ष्मण गुप्त
यहाँ हर मोड़ पर इक रहनुमा बैठा मिलेगा,
मुसाफ़िर को कहाँ फिर भी सही रस्ता मिलेगा?
जहाँ बादल का सौदा जिस्म की ख़ातिर हुआ हो,
वहाँ हर ओर दरिया प्यास का मारा मिलेगा।
तरक़्क़ी तो वसूलेगी यूँ क़ीमत आदमी से,
वो हिस्सा भीड़ का होगा मगर तन्हा मिलेगा।
किसी का चाँद बादल का निवाला हो चलेगा,
किसी के हिस्से का सूरज यहाँ डूबा मिलेगा।
- रचनाकार : लक्ष्मण गुप्त
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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