बिरहा

पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा पश्चिमी बिहार के भोजपुरी भाषी क्षेत्र में प्रचलित लोकगीत की एक विधा, जिसमें श्रमिक वर्ग की हार्दिक और सामजिक वेदना का समावेश रहता है।

1859 -1906

भारतेंदु मंडल के कवियों में से एक। भारत जीवन प्रेस के संस्थापक। प्राचीन और लुप्तप्रायः पुस्तकों को पुनः प्रकाशित और संवर्द्धित करने के लिए स्मरणीय।

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