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वाल्तेयर

1694 - 1778

फ़्रांसीसी प्रबोधन युग के समादृत लेखक, दार्शनिक, व्यंग्यकार और इतिहासकार।

फ़्रांसीसी प्रबोधन युग के समादृत लेखक, दार्शनिक, व्यंग्यकार और इतिहासकार।

वाल्तेयर की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 18

विचारों की आज़ादी आत्मा का जोश है।

चिकित्सा की कला में रोगी को ख़ुश करना शामिल है, जबकि बीमारी को प्रकृति ठीक करती है।

मैंने कभी कुछ ज़्यादा तो नहीं, पर भगवान से एक प्रार्थना तो की है : हे भगवान, मेरे दुश्मनों को हास्यास्पद बना दो। और भगवान ने इसे मंज़ूर कर लिया।

सिर्फ़ जीतना काफ़ी नहीं है, किसी को लुभाना भी सीखना चाहिए।

हमें पढ़ना चाहिए, और हमें नाचना चाहिए; ये दोनों सुख दुनिया को कभी नुक़सान नहीं पहुँचाएँगे।

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