चन्द्रकान्ता का परिचय
जन्म : 03/09/1938 | श्रीनगर, जम्मू कश्मीर
3 सितंबर 1938 को श्रीनगर, कश्मीर में जन्मी चन्द्रकांता कश्मीर केंद्रित अपने विपुल कथा-लेखन के लिए हिंदी जगत में ख़ासी लोकप्रिय हैं। अपनी कहानियों में उन्होंने देश-विभाजन के तत्काल बाद कश्मीर संकट से उपजे हालात से लेकर 'जेहाद' के नाम पर जारी आतंकवाद से झुलसते कश्मीर की आबोहवा और अवाम के दुःख-दर्द का अद्यतन चित्र उकेरा है, जहाँ वह यथास्थिति का चित्रण-भर करके नहीं रुक जातीं अपितु प्यार, ईमान और इंसानियत से लबरेज़ पात्रों का सृजन कर कट्टरता एवं हिंसा के विरुद्ध पुरज़ोर आवाज़ उठाती हैं। कश्मीर ही नहीं, देश-दुनिया की हर उस मानवीय त्रासदी को चंद्रकांता अपनी कहानियों में जगह देती हैं जिससे एक संवेदनशील रचनाकार का मन आहत एवं उद्वेलित होता है। वह उस भ्रष्ट व्यवस्था और मनुष्य विरोधी तंत्र को कठघरे में खड़ा करती हैं, जिसने तेज़ी से बदलते समाज में चतुर्दिक संघर्ष से घिरे मनुष्य की आंतरिक अनुभूतियों को कहीं गहरे में दफ़न कर दिया है। व्यक्ति और व्यवस्था की मुठभेड़ में वह पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रत्येक विषम परिस्थिति एवं प्रवृत्ति की समीक्षा करती हैं; तत्पश्चात् उन तथ्यों का अन्वेषण करती हैं जिससे मनुष्य की अंतरात्मा को मरने से बचाया जा सके और इस प्रकार एक बेहतर कल के लिए मनुष्य के स्वप्नों, संवेदनाओं और स्मृतियों को सहेज लेने की चिंता चन्द्रकांता की कहानियों का प्रस्थान-बिंदु बन जाती है।
चन्द्रकांता के अब तक चौदह कहानी-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इनके प्रकाशित उपन्यास हैं—‘अन्तिम साक्ष्य’, ‘अर्थान्तर’, ‘बाक़ी सब ख़ैरियत है’, ‘ऐलान गली ज़िन्दा है’, ‘अपने-अपने कोणार्क’, ‘यहाँ वितस्ता बहती है’, ‘कथा सतीसर’, ‘समय-अश्व बेलगाम’। अन्य कृतियाँ हैं—‘यहीं कहीं आसपास’ (कविता-संग्रह); ‘हाशिए की इबारतें’ (आत्मकथात्मक संस्मरण); ‘मेरे भोजपत्र’ (संस्मरण एवं आलेख); ‘प्रश्नों के दायरे में’ (साक्षात्कार)। इनकी कई कहानियों एवं उपन्यासों के विभिन्न भारतीय भाषाओं एवं अँग्रेज़ी में अनुवाद हो चुके हैं। इनकी रचनाएँ कई विश्वविद्यालयों के हिंदी साहित्य के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। दूरदर्शन के लिए कई कहानियों का फ़िल्मांकन तथा आकाशवाणी से कहानियों-उपन्यासों का धारावाहिक प्रसारण हुआ है।
के.के. बिड़ला फ़ाउंडेशन का ‘व्यास सम्मान’, हिंदी अकादमी (दिल्ली) का ‘साहित्यकार सम्मान, उ.प्र. हिन्दी संस्थान।