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मेरी अंखियन के भूषन गिरिधारी
मेरी अंखियन के भूषन गिरिधारी।बलि-बलि जाऊं मुखारविंद की, सुहृद सुहित सुखकारी॥
छीतस्वामी
आवैगी मेरी बलाय
आवैगी मेरी बलाय, अरी मोहि गारी दीनी।डारि दई मेरे सिर ते गगरिया, ईंडुरिया गहि छीनी॥
गोस्वामी हरिराय
नेकलाल टेकौ मेरी बहियाँ
नेकलाल टेकौ मेरी बहियाँ।औघट घाट चढ्यो नहि जाई रपटत हों कालिंदी महियां॥
परमानंद दास
नेकलाल टेकौ मेरी बहियां
नेकलाल टेकौ मेरी बहियां।औघट घाट चढ्यो नहि जाई रपटत हों कालिंदी महियां॥
परमानंद दास
लालत सूं मेरी प्रीत जरी हो
लालत सूं मेरी प्रीत जरी हो।ज्यागति सोबति राम की मुरती, देखती हुँ ज्याहां तहाँ खरी हो॥
केशवस्वामी
बंसी मेरी प्यारी
बंसी मेरी प्यारी, दीजौ प्रान-प्रान प्रान।यहि ठौर काल्हि भूल्यो री, सुख-दान दान दान॥
गोस्वामी हरिराय
यह तो भाग्य पुरुष मेरी माई
यह तो भाग्य पुरुष मेरी माई।मोहन को गोदी में लिये जेमत हैं नंदराई॥
परमानंद दास
चुटिया तेरी बड़ी किधौं मेरी
चुटिया तेरी बड़ी किधौं मेरी।अहो सुबल तुम बैठि भैया हो हम दोउ मापें एक बेरी॥
चतुर्भुजदास
प्रभु जी तुम जानत गति मेरी
प्रभु जी तुम जानत गति मेरी।तुम ते छिपा नहीं आहै कछु, कहै कहौं मैं टेरी॥
संत जगजीवन
कबैं हरि कृपा करिहौ सुरति मेरी
गदाधर भट्ट
मेरे मन के माने मोहनलाल
स्वाति बूँद की रटै प्यास, यों मेरा मन हरि की आस॥चात्रग कै चित बहुत चाइ, रटतो डोलै तिस न जाइ॥