आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "अर्श-ए-इलाही"
Kavita के संबंधित परिणाम "अर्श-ए-इलाही"
नज़्र-ए-योगेश प्रवीन नज़्र-ए-लखनऊ
लखनऊ मेरे वतन! ये तुझको आख़िर क्या हुआतेरा चेहरा दिख रहा है दर्द में डूबा हुआ
हिमांशु बाजपेयी
रहमान : नुजूल-ए-वाही
(पैग़म्बर को ख़ुदा का पैगाम)गली में बिखरे हुए हैं शीशों के टुकड़े
दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे
नज़्र-ए-अरुण कमल
कृष्ण कल्पित
नज़्र-ए-विष्णु खरे
तुम आ गए कहाँ हो इंतिज़ार ही तो हैदिल्ली किसी का घर हो क्यूँ दयार ही तो है
कृष्ण कल्पित
नज़्र-ए-नामवर सिंह
भड़ैतों से बचो ये सिंह को जोकर बना देंगेपुजारी-शिष्य तुमको पूजकर पत्थर बना देंगे