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धूलि धूम अरु मेघ करि
धूलि धूम अरु मेघ करि, दीसै मलिनाकाश।सुन्दर मलिन शरीर संग, आतम शुद्ध प्रकाश॥
सुंदरदास
बात-झूलि रे सुमन यों
बात-झूलि रे सुमन यों, निज श्री-भूलि न फूलि।काल कुटिल कौ कर निरखि, मिलन चहत तैं धूलि॥
दुलारेलाल भार्गव
तुका दास तिनका रे
तुका दास तिनका रे, राम भजन नित आस।क्या बिचारे पंडित करो रे, हात पसारे आस॥
संत तुकाराम
रे मन रीति विचित्र यह
रे मन रीति विचित्र यह, तिय नैना के चेत।विष काजर निज खाय के, जिय औरन के लेत॥
रसलीन
जागो रे अब जागो भैया
जागो रे अब जागो भैया, सिर पर जम की धार।ना जानूँ कौने घरी, केहि ले जैहै मार॥
मलूकदास
जगत बिडाणो रे मनां
जगत बिडाणो रे मनां, क्यों जलतो आग बिछोह।पीपा साँच पिछाण ले, तज दे माया मोह॥
संत पीपा
सुआरथ के सब मीत रे
सुआरथ के सब मीत रे, पग-पग विपद बढ़ाय।पीपा गुरु उपदेश बिनुं, साँच न जान्यो जाय॥
संत पीपा
हेली तिल तिल कंत रै
हेली तिल तिल कंत रै, अंग बिलग्गा खाग।हूँ बलिहारी नीमड़ै, दीधौ फेर सुहाग॥
सूर्यमल्ल मिश्रण
रे मन सब सों निरस ह्वै
रे मन सब सों निरस ह्वै, सरस राम सों होहि।भलौ सिखावन देत हैं, निसिदिन ‘तुलसी’ तोहि॥