आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bhartiya lekhak ank 001 002 magazines"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "bhartiya lekhak ank 001 002 magazines"
उपन्यास की भारतीय विधा
पश्चिमी शॉर्ट-स्टोरी और भारतीय कथा में ये दो अलग-अलग कालबोध प्रतिबिंबित और परिलक्षित होते हैं। उसका
अज्ञेय
निरखत अंक स्यामसुंदर के
निरखत अंक स्यामसुंदर के बारबार लावति छाती।लोचन-जल कागद-मसि मिलि कै ह्वै गई स्याम स्याम की पाती॥
सूरदास
अन्य परिणाम "bhartiya lekhak ank 001 002 magazines"
लेखक
जीवन या यथार्थ को जब तक रचने का भाव लेखक में नहीं होगा, तब तक उस लिखने का कोई अर्थ ही नहीं है।
श्रीनरेश मेहता
नहिं मृगंक भू अंक यह
नहिं मृगंक भू अंक यह, नहिं कलंक रजनीस।तुव मुख लखि हारो कियो, घसि घसि कारो सीस॥
रसलीन
लेखक
ज्ञानरंजन
लेखक
लेखक रचता है इसीलिए वह कथा-सृष्टा है, मात्र प्रस्तुत नहीं करता इसीलिए वह कथा-वाचक नहीं है।
श्रीनरेश मेहता
लेखक
बचता है उसके जाने के बाद?लेखक के जाने के बाद उसका रोना बचा रहता है जिससे समय-समय पर भीग जाती
उदयन वाजपेयी
तीन
सच्चा लेखक जितनी बड़ी ज़िम्मेदारी अपने सिर पर ले लेता है, स्वयं को उतना अधिक तुच्छ अनुभव करता है।