Font by Mehr Nastaliq Web

राजकमल चौधरी के उद्धरण

शून्य में भी कविता अपने शरीरी और अशरीरी व्यक्तित्व का स्थापन और प्रसार करती है।

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए