Font by Mehr Nastaliq Web

मनोहर श्याम जोशी के उद्धरण

प्यार, लिप्सा और वर्जना के ख़ानों पर ज़माने-भर के भावनात्मक मोहरों से खेली जानेवाली शतरंज है। अंतरंगता खेल नहीं है, उसमें कोई जीत-हार नहीं है, आरम्भ और अंत नहीं है। प्यार एक प्रक्रिया है, अंतरंगता एक अवस्था।

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए