मनोहर श्याम जोशी के उद्धरण
प्रेम हो सकने के लिए एक स्तर पर क्षण के सहस्रांश की अवधि पर्याप्त है और दूसरे स्तर पर अनेकानेक कल्पों की भी अपर्याप्त।
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