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मोहनदास करमचंद गांधी के उद्धरण

पढ़ने की बीमारी वाले मैंने यहाँ और दूसरी जगह बहुत देखे हैं। यह रोग तुम्हें भी सता रहा है। इस रोग से मुक्त होने के लिए भ्रमण करो, ईश्वर की लीला देखो, कुदरत की किताब पढ़ो, पेड़ों की भाषा समझो, आकाश में होने वाला गान सुनो, वहाँ रोज़ रात को होने वाला नाटक देखो। दिन में कातो, थकावट लगे तब सोओ, बढ़ई का काम हो सके तो करो, मोची का काम करो।