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प्रेमचंद के उद्धरण

कविता सच्ची भावनाओं का चित्र है और सच्ची भावनाएँ चाहे वे दुःख की हो या सुख की, उसी समय संपन्न होती है जब हम दुःख या सुख का अनुभव करते हैं।

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