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होर्खे लुई बोर्खेस के उद्धरण

हम सच्चाई को इतनी आसानी से स्वीकार कर लेते हैं - शायद इसलिए भी क्योंकी हम जानते हैं कि कहीं भी कुछ भी सच नहीं है।

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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