कृष्ण बलदेव वैद के उद्धरण
बूढ़ों की दुनिया बूढ़ी। वे मरने से पहले सब कुछ करना चाहते हैं और कर अक्सर कुछ कर नहीं पाते।
-
संबंधित विषय : वृद्धावस्था
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
टिकट ख़रीदिए