मनोहर श्याम जोशी के उद्धरण
भक्षण प्रेम का अंतिम चरण है। कितना तो प्यारा लग रहा होता है चूहा बिल्ली को, जिस समय वह पंजा मार रही होती है उस पर।
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संबंधित विषय : जीवन
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