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तुम्हें ज़िंदा रहना है

tumhein zinda rahna hai

अनादि सूफ़ी

अनादि सूफ़ी

तुम्हें ज़िंदा रहना है

अनादि सूफ़ी

और अधिकअनादि सूफ़ी

    एक

    अँगूठे के नाख़ून पर दूध की बूँद नहीं ठहरती

    सिगरेट की डिब्बी पर चोर इरादों में लिखी

    चेतावनी का कोई मतलब नहीं होता

    जंगल में वनस्पतियों का रुदन ग़ैर-ज़रुरी बात है

    किसि रासपुतिन ने कल रात

    चाँद के मरने की भविष्यवाणी कर दी है

    पर तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    जेरी थॉमस के गिलास में दुनिया झूमती है

    ऑस्ट्रिया का मेटरनिख कान पर जनेऊ चढ़ाकर

    संसद के सामने लघुशंका करता है

    जीवन भर कवि को ‘टटपूँजिए’ कह कर गाली देने वाला

    मुक्तिबोध के खोल में घुसकर दिल्ली पहुँच गया है

    शरद जोशी अपनी कहानियों का पात्र बन कर मर रहा है

    पर तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    भाषा बाज़ीगरों के हाथ का हथियार बन गई है

    प्रेम करना शीशा चबाने से बड़ा खेल है आज

    ग़लिब के नाम पर शराब ज़्यादा बिकती है अशआर कम

    लोकतंत्र तेल के कुएँ में डूब कर मर गया है

    पर तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    सलमान रुश्दी को उसके देश वापस भेजना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    कार्लमार्क्स के भूत को

    कॉल सेंटर में नौकरी दिलवानी है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    आलोकधन्वा से

    ‘क्रांति की अस्मिता’ पर एक संभाषण करवाना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    दशरथ माँझी का उदाहरण अभी मरा नहीं है

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    अलका सरावगी ख़तों के जवाब नहीं देतीं

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    महुआ घटवारन आज भी

    परमार नदी के तट पर

    ‘रेणु’ की प्रतीक्षा कर रही है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    निर्मल वर्मा कभी भी प्राग या बुदापेस्ट से

    वापस आ सकते हैं

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    भीष्म अब इच्छा मृत्यु नहीं मर सकते

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    इतिहासविदों से मोहनजोदाड़ो की नर्त्तकी की

    टूटी टाँग का मतलब पूछना है

    तुम्हें ज़िंदा रहाना है क्योंकि

    छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों का गणतव्य अभी भी

    ‘अबूझमाड़’ बना हुआ है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    चिड़ियों और बच्चों की आवाज़ में फ़र्क़ करने वालों को

    सज़ा दिलवानी है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    ठंड से ठिठुरते सूरज को रेशम के कीड़ों से बचाना है 

     

    दो

    पाप और अपराध अब चौंकाने वाले शब्द नहीं रहे

    पुण्य और न्याय अरस्तू के अस्तबल में औंधे मुँह पड़ा है

    बग़दादी सफ़ेद कौवों का वकील बना हुआ है

    मरा हुआ राजा मौत की कहानी बाँट रहा है

    पर तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    तिलक लगाकर यहाँ कोई भी

    मुख्यमंत्री बन सकता है

    और मूँछ नहीं सिर्फ़ दाढ़ी उगाकर जामा मस्जिद का इमाम भी

    डायना कैसे मरी

    इसका खुलासा करनेवाला रातों-रात मालामाल हो गया

    ख़ुदकुशी करने वाले किसानों की धरती के नाम भी

    अब मौत का पैग़ाम जारी होगा

    पर तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    बचपन का साथी अचानक किसी दिन

    जसवंत या सलीम हो जाता है

    बिस्मार्क रोज़ अपनी गेंदें चमकाता है

    मछली हरबार

    काँटे में लटककर नाचने का शौक़ पाल लेती है

    इच्छा नहीं वक़्त मरता है

    इसलिए तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    एक लिस्ट बनानी है कि

    गुजरात की विधवाओं में कितनी हिंदू हैं

    और कितनी मुसलमान

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    मकरंद से पूछना है कि

    उनके नाटक नामवर भी क्यों नहीं समझ पाते

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    देखना ज़रूरी है कि प्रकाश झा कैसे बढ़ाएँगे

    बुद्ध की धरती का गौरव

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    ऐसे समय में पैदा होने का गुनाह बख़्शवाना है ईश्वर से

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    जानना है कि आरुषि क्यों मर गई

    आडवाणी का रथ कहाँ पहुँचा

    नरसिम्हा राव की अटैची से क्या निकला

    मनमोहन सिंह की दाढ़ी में किसका तिनका है

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    धूमिल से पूछना है

    ‘घोड़े के मुँह में लोहे के स्वाद’ का सही मतलब

    औरत से चूल्हे या बिस्तर पर जलते रहने का सिलसिला

    डॉक्टर से लालच वाली बीमारी की वजह

    दुष्यंत से पेड़ों की उदासी का सबब

     

    तीन

    मरघट के कुत्ते मनुष्यों की बोली बोल रहे हैं

    राजेंद्र यादव काला चश्मा लगाकर

    धूप के टुकड़े बीन रहे हैं

    कल लालक़िले पर हत्यारों ने इफ़्तार की पार्टी की थी

    एक दो तीन के खेल में आँखों की शर्म मरे तो मरे

    तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    ‘मन तड़पत हरिदर्शन को आज’ गाने वाला एक मुसलमान था

    कोणार्क मंदिर का पुजारी

    रथ के पहियों पर अपना सिर पटकता है

    मटुकनाथ को सुबह गाली देने वाली पीढ़ी

    शाम को उसे कंधे पर उठा लेती है

    टेलिविज़न का पर्दा

    मरे हुए इतिहास के भाँडों से उधार लिया गया है

    पर इससे क्या...तुम्हें तो ख़बर सहते हुए ज़िंदा रहना है

     

    नानूराम जोगी नब्बे वर्ष की उम्र में बाप बनकर

    मर्दों का मर्द बन गया था

    मुंबई में सुनिधि चौहान के साथ धोखा हुआ था

    उर्मिला मातोंडकर किसी बिहारी लड़के से प्रेम नहीं कर सकी

    पिकासो धनवान होकर ग़रीबों की तरह मरना चाहता था

    पर एकलव्य बनकर द्रोणो से निपटने के लिए

    तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    प्रियंबद से पूछना है कि

    मोहन राकेश का विलोम क्या होगा

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    अमिताभ बच्चन की राजनीति और

    अमर सिंह के अभिनय के अंतर्संबंधों पर

    विश्विद्यालय में एक चैप्टर लगने वाला है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    नदी में घास उग रही है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    चुपचाप मर जाना दुश्मनों के हौसले बुलंद करना है

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    मुसोलिनी और ईदी अमीन

    शक्लें बदल-बदल कर जन्म ले रहा है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    दुर्योधन से पहले विकर्ण को मारना ज़रूरी है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    सपने की मौत नहीं होती

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    यह समय तुम्हारी बलि चाहता है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    रस्किन बॉण्ड की कहानी पर बनी फ़िल्म

    फ़्लॉप हो चुकी है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    अभी तक यह साफ़ नहीं हुआ है कि

    ‘संतपुर’ के निर्वासित नक्सली हैं या पुलिस के मुख़बिर

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    अगली पीढ़ी के लिए

    ‘मोदी के विकास’और ‘सोनिया के त्याग’ पर

    एक परिचर्चा आयोजित करवानी है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    कविता अधूरी छोड़कर बीच में मर जाना

    कोई अच्छी बात नहीं होती

     

    चार

    सागर सरहदी विदेशी शराब की बोतल में

    समाजवाद के नए मानी तलाश रहे हैं

    सत्यदेव दुबे को सत्तू हज़म नहीं होता

    और बंगलादेशियों को तस्लीमा

    एक पूरी पीढ़ी इंटरनेट पर अपना सोलमेट ढूँढ रही है

    राज ठाकरे शिवाजी की तलवार से

    तिलक और तैयब की गर्दन उतार रहा है

    पर तुम्हें अभी ज़िंदा रहना है

     

    बाजपेयी ‘अटल बिहारी अबकी बारी’ का पुराना टेप सुनकर

    वक़्त काट रहे हैं

    दसियों चंद्रशेखर आत्ममुग्धता की स्तिथि में

    भोंडसी में धूप सेंक रहे हैं

    वी.पी. सिंह माने क्या लोग यह पहेली बूझ रहे हैं

    जे.पी. गाँधी की समाधि पर सिर झुकाए बैठे हैं

    पर ‘लड़ो अभी तुम मरे नहीं हो’ का मंत्र दुहराते हुए

    तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    समरसेट मॉम के लिए पैसा छठा हवास था

    अन्ना हजारे अज्ञातवास का आनंद गा रहे हैं

    राहुल गाँधी बराक ओबामा के हुलिए में

    अपनी तस्वीर खिंचवा रहा है

    तालिबानी भाईचारे की परिभाषा लहू से लिख रहे हैं

    पर बामियान की ध्वस्त मूर्त्तियों पर आँसू बहाने के लिए

    तुम्हें ज़िंदा रहना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    प्रभात मिलिंद ‘अस्पतालनामा’ लिखते हुए भी

    मृत्यु से अधिक

    भविष्य की प्रेमिकाओं के बारे में सोच रहे हैं

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    गुलज़ार हमेशा से

    ‘डॉरीयन ग्रे सिंड्रोम’ के ख़िलाफ़

    बेहतरीन गीत लिखते रहे हैं

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    डॉक्टर वेणु गोपाल अमरीकी हो जाने का

    कई प्रस्ताव ठुकरा चुके हैं

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    उम्मीद कभी नहीं मरती

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    नेहरु के कोट पर गली के बच्चों से

    गेंदे का एक फूल टँकवाना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    तथाकथित साहित्यकारों की कामुक विक्षिप्तता से

    कविता को बचाना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    केजरीवाल से हर हाल में प्रासंगिक बने रहने का

    हुनर सीखना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    मरने से पहले मर जाना कायरता ही तो है

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    भारतेन्दु ‘भारत दुर्दशा’ पर मंथर विलाप कर रहे हैं

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि मंटो को चाहने वाले

    प्रेमचंद को बिसरा देने का षड्यंत्र रच रहे हैं

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    ‘पा’ को गंभीरता से लेने वाले

    भूख को कोई बीमारी नहीं मानते

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    तुम्हें मार देने की पटकथा पर अभी काम चल रहा है

     

    पाँच

    बच्चे पुलिस का पर्यायवाची डाकू पढ़ते हैं

    आदमी द्वारा रास्ता काट देने पर बिल्लियाँ भयभीत हैं

    विभा रानी लेखन के बाद अभिनय को

    ‘सामाजिक क्रांति का अगला पड़ाव’के रूप में जी रही हैं

    बड़े भैया मरी हुई आत्मा की अँधियारी खोह में

    अपना चेहरा चमका रहे हैं

    पर‘मिलहीं न जगत सहोदर भ्राता’की मर्यादा बचाने के लिए

    तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    शरद पवार किसानों की भूख से विचलित होकर

    क्रिकेट का मैच देखते थे

    शिल्पा शेट्टी ‘बिग ब्रदर’ का शो जीतकर

    भारत का नाम ऊँचा कर चुकी हैं

    बटुकेश्वर दत्त की आत्मा

    सरकारी दफ़्तर के बाहर धरने पर बैठी है

    ‘कोरबो लोड़बो जीतबो’ के शोर में

    ‘भात दाउ मोरे जाबो’ का अनहद कोई नहीं सुनता\

    पर सब अनकहे-अनसुने रूदन का

    हिसाब चुकाने के लिए

    तुम्हें ज़िंदा रहना है

     

    मधु कोड़ा आदिवासियों का सबसे बड़ा हितैषी है

    प्रसून जोशी से अधिक प्रतिभाशाली कवि

    आज देश में कोई नहीं

    हरियाणा की किसी गली में आज का ओलम्पियन

    कल चाय की दुकान चलाएगा

    कृष्ण ‘रणछोड़’ होकर भी महान बना रहेगा

    पर ‘दरिद्र’ को ‘नारायण’ कहकर वरग़लाने वाले शातिरों को एक्स्पोज़ करने के लिए

    तुम्हें ज़िंदा रहना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    सचिन सुरक्षित खेलते रहे

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    उदय प्रकाश की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवानी है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    अनुराग कश्यप वासेपुर में

    मुर्ग़ियों का आख्यान सुन रहा है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    जीने का सही अर्थ ढूँढ़ना बाक़ी है अभी

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    तट पर उलट गई नाव को सीधा करके

    जल में उतारना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    ‘धूल में नहाती गोरैया’ के लिए बारिश बुलानी है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    पेड़ की डाली पर सोते हुए चाँद की

    चोरों से रखवाली करनी है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    सिर्फ़ अपनी जान बचाने के लिए मर जाने से

    पूर्वज शर्मिंदा होते हैं

     

    तुम्हें ज़िंदा रहना है क्योंकि

    बहुत लम्बे सफ़र के लिए ख़रीदने हैं एक जोड़ी नए जूते

    तलाशना है कोई सच्चा दोस्त

    किसी लड़की से फिर से प्रेम करना है

    माँ के नाम लिखनी है एक लंबी चिट्ठी...

    इसीलिए अभी ज़िंदा रहना है

    तुम्हें ज़िंदा रहना है!

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनादि सूफ़ी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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