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पर क्या अब कोई मतलब नहीं बचा

par kya ab koi matlab nahin bacha

नरेश चंद्रकर

नरेश चंद्रकर

पर क्या अब कोई मतलब नहीं बचा

नरेश चंद्रकर

और अधिकनरेश चंद्रकर

    यह नहीं कह रहा हूँ सिर्फ़

    कृष्ण पक्ष की प्रति‍पदा

    उन्नीस सौ साठ के दि‍न

    जब तेज़ बारि‍श थी

    उस दि‍न मेरा जन्म हुआ था

    बल्कि बाक़ायदा जन्म प्रमाणपत्र

    वोटर पहचान-कार्ड लेकर आया हूँ

    यह नहीं कह रहा हूँ सिर्फ़

    कि यह वि‍रासत के काग़ज़ात का मामला है

    बल्कि यह मामला है

    मुआवज़े की रक़म पाने का

    यह मामला है

    जिस मुआवज़े का मैं

    सच्चा हक़दार हूँ

    वैसा ही हक़दार

    जैसा

    इफ़्तार की दावतों में हक़ है

    नमाज़ि‍यों को रोज़ा तोड़ने का

    फि‍र क्यों कहा जा रहा है :

    ऊपर से आई पर्ची में

    यह नाम नहीं था

    नरेश चंद्रकर

    यह प्रामाणि‍क नाम ही नहीं है

    न. च.

    तो क्या अब कोई मतलब नहीं बचा

    हमारे समय में

    कि क्या कह रहा है

    एक ज़िंदा आदमी?

    स्रोत :
    • रचनाकार : नरेश चंद्रकर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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