आधी रात के उपरांत एक रसिक स्त्री
aadhi raat ke uprant ek rasik istri
राजकमल चौधरी
Rajkamal Choudhary
आधी रात के उपरांत एक रसिक स्त्री
aadhi raat ke uprant ek rasik istri
Rajkamal Choudhary
राजकमल चौधरी
और अधिकराजकमल चौधरी
आधी रात के उपरांत रेशमी कोहरे में
एक रसिक स्त्री
टूटे हुए समय-स्तूपों में
अपना भविष्य और अपना निर्वासन-कुंज
ढूँढ़ती हुई
नग्न और एकस्वर होकर
केवल
इतना निर्णय कर पाती है
कभी यहाँ एक देव-मंदिर था
विग्रहविहीन
आधी रात के उपरांत रेशमी कोहरे में
एक रसिक स्त्री
भग्न खंड-प्रस्तर होकर
केवल
देव-विग्रह बन जाती है
किंतु
टूटे हुए समय-स्तूपों से
अब भी निर्मित नहीं होता है
देव-मंदिर!
- पुस्तक : ऑडिट रिपोर्ट (पृष्ठ 45)
- रचनाकार : राजकमल चौधरी
- प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
- संस्करण : 2006
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