हरिशंकर परसाई के उद्धरण
वास्तव में—मालिक का दर्जा ईश्वर के पास ही है। ईश्वर ने सृष्टि रची, बनाई, आकाश बनाया लेकिन मकान नहीं बनाए। मनुष्य पृथ्वी पर खुले आकाश के नीचे तो रह नहीं सकता था। तब मकान मालिकों ने मनुष्यों के रहने के लिए मकान बनाए। जो किराए के लिए मकान बनवाते हैं, वे ईश्वर के समान ही पूज्य हैं। पर इस बात को बहुत कम किरायेदार समझते है।
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