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शंख घोष के उद्धरण

शब्द की किसी अस्पृश्यता को प्रतिपन्न करना मेरा अभिप्राय नहीं है, मेरा भी विश्वास है कि सभी शब्द कविता के शब्द हो सकते हैं, लेकिन शब्द लक्ष्यभ्रष्ट और उद्देश्यहीन नहीं होने चाहिए।

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