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मोहन राकेश के उद्धरण

संसार में जितने धनी व्यक्ति हैं, उनमें से अधिकांश दलाली करके—वस्तु या व्यक्ति के गुण को बेचने में माध्यम बनकर धन कमाते हैं। यह दलाली वस्तु और व्यक्ति के वास्तविक मूल्यांकन और मूल्य ग्रहण में बाधा है।