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शरद जोशी के उद्धरण

साहित्य में या महज़ जीवन जीने के लिए आप कुछ कीजिए, वे निगाहें आपको लगातार एहसास देंगी कि आप ग़लत हैं, घोर स्वार्थी हैं, हल्के हैं आदि।