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शंख घोष के उद्धरण

साधारण दुर्बल मनुष्य यदि भाषा का मिथ्याचारी के रूप में उपयोग करता है तो करे, लेखक का काम होता है कि वह उस मनुष्य को उसके झूठ की शर्मिंदगी के बारे में बता दें।

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