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हरिशंकर परसाई के उद्धरण

मुझे ज्ञानियों ने लगातार सलाह दी कि कुछ शाश्वत लिखो। ऐसा लिखो, जो अमर रहे। ऐसी सलाह देने वाले कभी के मर गए। मैं ज़िंदा हूँ, क्योंकि जो मैं आज लिखता हूँ, कल मर जाता है।

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