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शंख घोष के उद्धरण

मृत्यु जीवन की विरोधी होती है इसलिए उसकी प्रचंडता को जान लेना होता है, जड़ प्रतिष्ठान जीवंत कविता का विरोधी होता है, इसलिए तरुण लेखकों को उसकी व्यापकता और जटिलता को समझ लेना होता है।

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