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शंख घोष के उद्धरण

‘कवि शब्द ही विद्रोहवाचक है, कारण कि जीवन के षड्यंत्रमय वस्तु-समूह के मारक अवस्थान को जो स्वीकार करने से मना कर देता है ऐंठ कर बैठ जाता है, वही कवि है।’

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