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शंख घोष के उद्धरण

कवि भीड़ में 'सकल' - श्रृंगार का मुखौटा लिए हुए सभी के भीतर छुपा रहेगा - अब इससे अच्छी शरण भला और क्या हो सकती है ?

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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